दिल लगा रहे


"दिल लगा रहे”

“कुछ तो ख़्वाहीश होगी रब की कि दुनिया में दिल लगा रहे

यूँ ही नहीं वो खूबसूरत चेहरे बनाये जाता है

ज़िंदगी की कश्मकश से जो कभी, दिल भर भी जाये

मुस्कुरा के जीने की वजह कोई बताये जाता है”

(अनिल मिस्त्री)

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