“आग़ाज़”


“आगाज”

दिल में तुम्हारी चाहत का 

            अजीब ये अहसास है

कुछ ना होकर भी लगता है

             की शायद, सब कुछ मेरे पास है

चंद मुलाक़ातें, कुछ महके से ख़्वाब

              एक ख़ूबसूरत सा तेरी मौजूदगी का अहसास

               बेशक़ीमती ये इश्क़ का आग़ाज़ है”

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