उम्र

 

“उम्र बीत गयी तमाम साथ जीते-जीते

आज फ़ुर्सत में हो के क़रीब, लगता है

तुम्हें

 ठीक से देखा भी नहींअब तक”


(अनिल मिस्त्री)

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