"दिल का सुकून "

१."मालूम ना हुआ की , कब तुम अपने बन गए
देखते ही देखते , असमान के रंग बदल गए
धुंध सी छा गई यादों पे , हमारी
देखते ही देखते , असमान के रंग बदल गए
धुंध सी छा गई यादों पे , हमारी
और अनजान थे जो कल तक , वो आज दिल का सुकून बन गए "
२."दिल के चंद अहसास , अब कैद ही कर लें
तो क्या गम है
दूर से ही देखी है हमने
तेरी मुस्कुराहटों की बहारें "
३ "चाहते हैं हम तुम्हे इतना, की क्या बताएं
कमी है अल्फाजों की, वरना हम तो लिखते ही जाएँ "
४ "आहट
"दिल में तुम्हारी , आहट का , अजीब ये अहसास है
कुछ ना होकर भी लगता है
की सब कुछ मेरे पास है "
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