दिल की बात

बताएं भी तो , दुहराया नही करते
कुछ नजारे चुरा ले जाते हैं , अंधेरे अक्सर
मगर शाम की रौशनी को , रातों में भुलाया नही करते "
(अनिल मिस्त्री)
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें