१. "ख़ुशी""पूछा था एक बार किसी ने राह में रोककर, हमसे कभी ,
क्यों तनहा चलते हो, क्या ना मिला कोई हमराह तुम्हे कहीं
एक सर्द मुस्कान के साथ कहा था हमने,
क्यों करते हो दिल्लगी
रिश्ते पुराने निभाने जो भारी लगते हैं,
नए रिश्ते क्या बनाते
जो होते दिल के करीब उन्हें साथ ले के भला क्यों रुलाते
शमशान का धुंआ लगती है अब तो चांदनी भी
जिन्दगी लगती है तेज़ रफ़्तार सड़क के जैसी
याद है मगर मुझको, एक बार मिली थी हमें भी एक सच्ची खुशी
भीगी सी सड़क पे चलती वो, तेज़ तेज़ कदमो से,
पुकारा जब हमने उसे, पलट के मुस्कुराई थी,वो ओस में भीगे गुलाब सी"

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२."क्यों भला चाँद मेरे आगोश में लिपट के रूठ जाता है
छिप के बादलो के पार बारिश बन के अश्क बहाता है
भरी बरसात में उस दिन वो हंसी हमारी देखते रहे
वो क्या जाने अक्सर उनके नाम का एक कतरा मेरी निगाहों से बह जाता है"

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