"खूबसीरत"


 “मेरी मोहब्बतों के काबिल नहीं, तेरी थोड़ी सी रूहानियत

साथ जीने को तुम्हें  भी ख़ूबसीरत होना होगा”

(अनिल मिस्त्री)

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