"सितारों के पार"
"सितारों के पार आज , हम चलें कुछ इस कदर
के हर शब् , रौशन हो जाये नूर से हमारे
मुफलिसी में शिकायत नहीं होती
कभी किसी को किसी से
करो कुछ ऐसा की इश्क में
हर लम्हा गम का हो जाए
ज़िंदगी से दूर हमारे"
के हर शब् , रौशन हो जाये नूर से हमारे
मुफलिसी में शिकायत नहीं होती
कभी किसी को किसी से
करो कुछ ऐसा की इश्क में
हर लम्हा गम का हो जाए
ज़िंदगी से दूर हमारे"
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