"क़त्ल "

"क़त्ल कर भी दो मुझको , तो भी ना तुम जी पाओगे

ख्यालों से मेरे बच कर, भला कहाँ जाओगे

ठिकाना तो बन गया आपका, पहली ही नज़र में,

दिल
में हमारे,


लाख बना लो घर , ज़माने में

इस दिल के सिवा मगर, कहाँ रह पाओगे "

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