"वीराने"
"रातो की खमोशियो को मिलने के बहाने आ गये
कुछः भारी अल्फ़ाज़् लबो के किनारे आ गये
यु तो कम ही रही , खुश्नुमा सी ये ज़िंदगी
इक बार फ़िर् दिन पुराने आ गये
ये क्या कश-म-कश लगी है जीने की
कुछः ख्वाब् सजाने की कुछः भाग जाने की
कुछः अपनी जमी मे खो जाने की
उमर भर लड कर , अब लगता है
क्या ही मज़ा आया,
ज़िंदगी भर लड़कर
जो आज हर तरफ़् वीराने छा गये "
कुछः भारी अल्फ़ाज़् लबो के किनारे आ गये
यु तो कम ही रही , खुश्नुमा सी ये ज़िंदगी
इक बार फ़िर् दिन पुराने आ गये
ये क्या कश-म-कश लगी है जीने की
कुछः ख्वाब् सजाने की कुछः भाग जाने की
कुछः अपनी जमी मे खो जाने की
उमर भर लड कर , अब लगता है
क्या ही मज़ा आया,
ज़िंदगी भर लड़कर
जो आज हर तरफ़् वीराने छा गये "
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