"इकराज़ "

"इक राज़ तेरी निगाहों से यूँ ही

ब्यान होता है

कोई है आस पास मेरे जो ,

ख्यालों में मेरे ख्वाबो सा जवान होता है

कुछ दीवानगी तेरी ख्वाईश में

कुछ दिल्लगी का सामान भी होता है

मुझको परवाह नहीं कि हूर हो

या हो कोई आफत इस दुनिया कि

बस वफ़ा का नगमा सुनने को

दिल तरसता है

इक लिबाज़ हसीं में तेरा

संगमरमरी जिस्म छिपने

को डरता है

कभी भीगी सी हवाओं में

कभी आधी सोयी फजाओं में

इक नीली सी झील में

तेरा अक्स देखने को

ये दिल रोता है "

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