" फासले "

" फासले "

"आओ कुछ नज़रों से हमारी

शिकायत कर लो

नजर क्या चीज़ है

कुछ जुबान से भी

मोहब्बत कम कर लो

हर सितम मंजूर है आपका

बस जरा दिल से हमारे

फासले कम कर लो

माना की कुछ रूठे से लगते हो

कब्रगाह पे बिखरी चांदनी से दिखते हो

इक हंसी से दुनिया हमारी आबाद कर दो

हर शिकायत हो जाएगी

दूर हमसे

बस बाहों में आकर

धडकनों में हमारी

नाम अपना सुन लो "

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