"बारिश की दिल्ली वालो से दुश्मनी "

बारिश की दिल्ली वालो से दुश्मनी
जाने क्या बात है की दिल्ली के आस पास हिमाचल और उत्तरांचल जैसे खूबसूरत राज्यों के बावजूद , बारिश सब जगह होती है मगर दिल्ली प्यासी ही रह जाती है ? कभी हलकी सी बारिश होती भी है तो मिडिया ऐसा हल्ला करता है और सड़कों पे ऐसा जाम लग जाता है की , बारिश रूठ के चली जाती है . कुछ लोग कहते है की दिल्ली में सबसे ज्यादा पापी भरे पड़े है शायद इस लिए ही दिल्ली में बारिश नहीं होती , ये कारण भी सही लगता है क्योंकि , सारे बड़े नेता , राजनेता और भ्रष्ट नेता यही तो रहते हैं . जितना बड़ा नेता उसके दामन पे उतना बड़ा दाग . क्या करे प्रजा तंत्र होता ही ऐसा है. फिर चाहे बात भोपाल गैस काण्ड में मरने और यातना भोगने वाले लाखों लोगों की हो या बोफोर्स काण्ड हो या कोई और राजनैतिक घोटाला , सजा तो दिल्ली को ही भुगतनी पड़ती है. मंत्री जी कहते है की दिल्ली वाले महंगाई झेल सकने में सक्षम है , कोई उनसे कहे की कभी एक बार जरा दिल्ली की सड़कों में कूड़ा बीनने वालो या सिग्नल पे भीख मांगने वाले बच्चों से मिल कर आये , तो पता चलेगा की कितने दिल्ली वाले महंगाई की मार झेलने की तैयार है ?
ऐसा लगता है सरकार और सरकारी तंत्र लूटने में लगा है , क्या देश प्रेम? क्या फ़र्ज़ और क्या जिम्मेदारी , ना उन्हें कोई परवाह है ना कोई सरोकार और ना ही सरकार गिरने का कोई डर . ना इस बात की चिंता की पडोसी देशों से क्या नुक्सान हो सकता है , और ना ही ये की आने वाले समय में हमारे सामने कौन कौन सी समस्याए आएँगी ? उल्टा सब लूटने में लगे है और शकीरा और फुटबाल में व्यस्त है. शायद इसलिए दिल्ली प्यासी है , खुशहाली के बादल आते है और बिन बरसे चले जाते है , आम जनता को भी प्यासा ही छोड़ जाते है , क्योंकि कही ना कही वो भी पापी है , जो उन पापियों को चुनती है राज करने के लिए.

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