"हूर पार्ट ३ "

उस शाम मैदेर तक रेस्टोरेंट में बैठा रहा , जान्हवी जब मुझे देखती तो मै , या तो अपन सेल निकाल कर , कुछ बात करने का बहाना बनता या , ऍप्लिकेशन फोरम्स को उलट पलट करता। जब उसकी शिफ्ट ख़तम होने का टाइम आया तो मै भी उठा और बहर निकल कर मैंने उससे कहा। रात बहुत हो गई है अगर आपको बुरा ना लगे तो मै कुछ देर साथ चल सकता हूँ ?
जान्हवी: आपको ऐसा नही लगता की आप बहुत तेज चल रहे है ?
मै: (बुदबुदाते हुए ) वैसे ही लाइफ में बहुत लेट हो चुका हूँ , अब अगर तेज नही चला तो गाड़ी छूट जायेगी ।
जान्हवी: what !!!
मै : आआआअ॥ कुछ नही , मै कह रहा था की ....... आप यहीं की रहने वाली हैं ?
जान्हवी: हाँ , और आप ?
मै: भिलाई का , नाम सुना है ?\
जान्हवी: हाँ सुना है
मै: यहाँ जॉब केलिए आय था , पर अब यहाँ दिल लग गया .......
जान्हवी: दिल लग गया ........ मतलब ?
मै: मतलब दिल लग रहा है ......मतलब यहाँ अब अच्छा लगने लगा है .... वैसे पूरी तरह दिल नही लगा मगर कोशिश कर रहा हूँ , क्या पता दिल पूरी तरह लग जाए ।
जान्हवी: ओके , keep it up कोशिश का रास्ता कामयाबी की तरफ़ जाता है ।
वैसे आप झूठ बहुत बोलते हैं ।
मै: घबराकर मतलब ! मैंने आप से क्या झूठ बोला ?
जान्हवी: हा.हा.हा...... देखा आप अभी भी झूठ बोल रहे हैं ।
मै: नही तो
जान्हवी: ह्हहा हाहा ..... ओके ओके ॥ एक बात बताओ , कौन सा ऐसा बैंक है जो मुझे बिल पेमेंट के लिए ९० दिन का टाइम देता है ? और अपने कस्टमर को हर शौपिंग पे 50% discount देता है ? और ऐसा कौन सा executive है जो सारा दिन अपने एक ही कस्टमर के पीछे , सुबह से शाम तक और हर weekoff पे उसी कस्टमर के पीछे लगा रहता है , और अपने साथ २ साल पुराने ऍप्लिकेशन फॉर्म रखता है ? बताओ?
(मेरे चहरे का रंग उड़ता जा रहा था और वो बोले जा रही थी , मुझे तो लगा था की १५ २० दिन तो फुर्सत से काटेंगे मगर , यहाँ तो सेंचुरी दूर १ ओवर खेलना ही मुश्किल हो गया था।)
मै: नही ऐसी तो कोई बात नही ........?
जान्हवी: अच्छा ऐसी कोई बात नही तो फ़िर क्या बात है ? तो फ़िर फ्रांसिस से मेरा सेल number क्यों लिया ?
(अब तो ये हाल था की पैरों तले जमीन खिसक रही थी , बस एक ही हथियार बचा था ..... अगले की सोच को पढने का । माना की वो सब समझ चुकी थी, मगर ये मेरी समझ में नही आ रहा था की , सब समझने के बाद भी वो मेरे saath इस अंधेरे रस्ते पे क्यों चल रही है )
मै : जब सब कुछ समझ ही गई हो तो लगता है मै हार मान ही लूँ इसी में भलाई है ।
जान्हवी: हम्म्म्म्म्म्म्म्म , तुम्हारी तैयारी पूरी नही थी । इसलिए तुम पकड़े गए ।
जान्हवी: मुस्कुराते हुए तुम्हे झूठ बोलना बिल्कुल नही आता।
मै:मै tumhe पसंद करने लगा था ,
जान्हवी: इतनी जल्दी ! तुम जानते क्या हो मेरे बारे में ?
मै: जानने समझने को तो जिन्दगी पड़ी है , मै तो इतना जनता हूँ , की एक नज़र में तुम मुझे अच्छी लगने लगी और दिल ने कहा की तुम अगर हमेशा को मेरी हो jaao तो बस लाइफ बन जाए ।
जान्ह्वी: मुस्कुराकर और अगर मै ना कह दूँ तो ?
मै: तो ये सोचूंगा की , इस बार भी मै फेल हो गया , और फ़िर कहीं कोई और exam दूंगा ।
जान्हवी: मुस्कुराकर बस बस अब कही कोई और एक्साम देने की जरुरत नही है , मै भी बहुत दिनों से तुम्हारी saari harakaten देख रही हूँ , ................
मै:हा हां हां ...... मतलब तुम नाराज़ नही हो ?
जान्हवी: अगर नाराज़ होती तो इस वक्त तुम्हारे साथ नही होती बुध्धू ।
मै : ओह्ह्ह्ह यार अब तो एक झप्पी की बनती है ,,, है ना ?
जान्हवी: ओये ॥ जरा धीरे चलो इतनी फास्ट चलोगे तो एक्सीडेंट हो जाएगा ॥
फ़िर उस रात हम देर तक बहुत सारी बातें करते रहे , अगले दिन का कार्यक्रम भी फिक्स था , अगले दिन uskaa week end था और मेरा भी। बस उसे छोड़ने के बाद मै घर आ गया। अक्सर लाइफ में जब ऐसे हसीं हादसे होते हैं तो लोग सबसे पहले अपने बकवास मगर भरोसेमंद दोस्तों के पास जाते हैं , क्योंकि पेट में hone wali गुदगुदी को मिटने का वो ही jariya होते हैं । मै भी अपने दोस्तों के पास गया .वो pahle तो बहुत खुश हुए , मगर फ़िर अपने अपने suggetions देने लगे ।

एक: "यार तेरी कहानी तो बहुत फास्ट चल रही है , इतनी जल्दी तेरी मोहब्बत हो गई , प्रोपोसे भी हो गया , और उधर से हाँ भी ! मुझे तो लग रहा है की तेरी शादी भी बहुत जल्दी हो जायेगी.......... "
दूसरा: "हाँ और divorce भी , और शयद tere सारे बच्चे premature babies ही होंगे ६ -६ महीने wale । जिसमे pahla तो जरूर । "
मै: "saalon तुम जैसे दोस्तों के होते हुए , dushmano की किसी को जरूरत pad saktee है ?


अगले दिन हम दोनों दिन bhar ghoomte रहे , और मैंने अपने दिल की हर khawaish उस दिन पूरी होते dekhi ।
जान्हवी: मुझे पहले दिन ही pata chal गया था की तुम बहुत badmaash किस्म के इंसान हो ,
मै: अच्छा !
जान्हवी: इसलिए तो तुम पकड़े गए । लेकिन ये बताओ हम इस garden में क्या कर रहे हैं ?
मै: यार पता है , पहले भी मै इन lovers gardens में आया करता था मगर मेरी halat mithayi की dukan के bahar khade उस भूखे बच्चे जैसी थी , जो bahar ही खड़ा खड़ा lalchata रहता है और लोगों को नज़र lagaataa रहता है ।
लेकिन उस दिन मैंने कसम khayi की जिस दिन मुझे मेरी पसंद की लड़की मिल गई , उस दिन मै wapas inhi gardens में aaunga और इन सारी जगहों को दिखा दूंगा की मेरे पास bhii mithayi है । आज मेरा karz utar रहा है , warna ये kambakht पेड़ पौधे और ये kursiyan तक मुझे chidhati लगती थी ।
janhwee : ohh तो ये बात है ? but अब तो सारा hisaab barabar हो गया ना ?
मै: are abh कहाँ अभी तो दिल्ली का indraprasth garden , mumbai की marine drive और jaipur की kanakghati भी baaki है ।
जान्हवी: अरे नही बाबा ! तुम तो मुझे bhrat darshn कर doge ! इतना टाइम नही है मेरे पास ।
मै: are तुम क्या jaano , जब मेरी aankho के सामने छोटे छोटे लड़के , आड़े , तेडे, काले पीले , लफंगे , प्यारी -प्यारी सी लड़कियों को लेकर ghoomte थे तो मेरे सीने पे सांप lot जाते थे , मुझे अपनी perosnality पे shak होने लगता था । मुझे इस सारी kaynaat को badlaa chukana है ।
जान्हवी: hahaahaahaa ....... हे भगवान् तुम कितने बड़े नाटकबाज हो ? मुझे तो मालूम ही नही था ।
(seriouse होकर )
me: तुम्हे ऐसा क्यों लगता है janhwi ? बस एक बार झूठ bola तुमसे , baaki सब सच bola , और वो भी पकड़ा गया , फ़िर भी तुम्हे ऐसा क्यों लगता है की I am saying lie ?
janhwi: offo मैंने ऐसा to नही कहा , tumhara mood भी ना पता नही कब badal ? ok बाबा sorry ।
(muskurakar ) अच्छा batao अब किस lovers point पे jaanaa है ?
(और bas इस तरह hamaari mohbbat shuru हो गई ...... दिन बहुत ही मीठे और raten khwaabon की baahon me beetne लगी ........)
To be continue........................................

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

"बेशरम का फूल "

मुद्दत